गुरुवार, 8 सितंबर 2011

किसी ने कहा हिया ये इश्क नहीं आसां लेकिन क्या सच में नहीं मुझे नहीं लगता। क्यू नहीं लगता क्यू कि अगर किसी को सच्चे दिल से चाहते है जब हम और साथ में जब हमारे मन में कोई खोट भी नहीं हो मेरा मतलब किसी और के प्रति आकर्षित न हो तो इश्क कभी नाकाम नहीं होता बस सामने वाले को समझने कि जरूरत होती है। मई जिस लड़की से प्यार करता हु वो समझती है कि प्यार क्या चीज़ है भले ही वो मुझे उतना ज्यादा समय नहीं दे पाती लेकिन फिर भी वो मेरे लिए हर रोज थोडा सा वक़्त निकाल ही लेती है वो प्यार तो करती है प्यार अभी कम है लेकिन एक दिन इतना ज्यादा होगा कि उसकी कोई सीमा नहीं होगी आएगा वो दिन भी मेरी ज़िन्दगी में ये प्यार अभी धीरे धीरे बढ़ रहा है और मै भी उसे ज्यादा कुछ नहीं बोलता हु थोड़ी सी मुझे तकलीफ है लेकिन भरोसा भी है मुझे जो मुझे हौसला देती है उसकी चाहत इतनी ज्यादा है कि मै कभी किसी और लड़की के बारे में सोच भी नहीं सकता शायद इसी कारण भगवन भी मेरे साथ है और एक दिन वो भी मेरे साथ होगी अभी दूर हु मै उससे लेकिन एक दिन तो जरूर वो मेरे पास होगी मेरे साथ होगी मुझे इसी उमीद में जीना है और मै जिऊंगा भी उसी से प्यार है मुझे करता रहूँगा.........

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