मंगलवार, 6 सितंबर 2011

मेरा जो प्यार है वो धीरे आगे बढ रहा है और मै कभी नहीं चाहूँगा की इतना प्यार करने क बाद मुझे इसमें नाकामी मिले मुझे उस पर पूरा विश्वास है की वो मेरे साथ कभी कुछ गलत नहीं होने देगी उसे भी मेरी फिक्र है भले ही उसने कभी अपनी जुबान से ये नहीं कहा हो पर उसे है मेरी फिक्र वो भी मुझे समय देना चाहती है लेकिन वो नहीं कर पाती है कुछ बंदिशे है जिसके आगे वो नहीं बढ सकती और मै भी उसे ज्यादा नहीं उकसाता हू बात करने के लिए वो जितना भी बात करे मुझे उसी से खुश होना पड़ता है मै चाहता तो हू उससे रोज कि और ज्यादा बात करू लेकिन मै नहीं बोलता हू उसे कुछ जेसे भी चल रही मेरी प्रेम कहानी वही ठीक है खैर जो भी उससे बात हो जाती है इतना ही काफी है वो मेरे लिए बहोत मायने रखती है उसका मेरे जीवन में होना एक अलग ही एहसास है उसे मै बहोत प्यार करता हू उसको मै खोना नहीं चाहता कभी नहीं उसके लिए एक शायरी......
Rab ne jab tujhe banaya hoga
Ek surur uske dil mein aya hoga,
Sochta hoga kya doonga tohfe mein tujhe,
Tab usne mujhe banaya hoga.

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